कहानी लिखने के नियम क्या है । Kahani Likhne Ke Niyam Kya Hai

कहानी लिखने के नियम क्या है

सभी इंसान एक अच्छी कहनी लिख सकते हे और अगर नहीं लिख सकते हैं, तो आप ये पढ़ कर लिख भी सकते हैं। लेकिन बात जब एक अच्छी कहानी लिखने की होती है, तब फिर चाहे आप कितनी भी अच्छी कल्पना क्यों न कर लेते हों और आपके पास में हजारों अच्छे आइडिया ही क्यों न हों, लेकिन फिर भी हो सकता है, कि आप एक अच्छी कहानी नहीं लिख पा रहे हो तो   एक अच्छी कहानी लिखने के लिए आपको प्रेरणा की तलाश करनी होगी, अपना कंटेन्ट तैयार करना होगा और फिर अपने द्वारा किए हुए काम को तब तक दोहराना है, जब तक कि आप आपकी क्षमता के हिसाब से बेस्ट कहानी न लिख डालें। अगर आप एक अच्छी कहानी लिखना चाहते हैं, तो बस इन आसान से स्टेप्स को फॉलो करें। और कहानी लिखने के नियम क्या है इन नियमो को पढ़े और अपने जीवन में उतारे। कहानी लिखने के नियम क्या है इस पोस्ट  को पूरा पढ़े और जाने । कहानी लिखने के नियम क्या है । Kahani Likhne Ke Niyam Kya Hai

कहानी लिखने के नियम क्या है
कहानी लिखने के नियम क्या है

हमारे चारों तरफ़ कहानियाँ बिखरी पड़ी है। बस आवश्यकता है कि उन्हें शब्दों में समेटा जाए। अपनी बात को आम लोगों की भाषा में बताना अगर आपको आता है तो आप कहानी लिख सकते है , मेरा विचार है की हर कहानी के पीछे एक अनुभव शामिल होता है फिर भले ही उसे आगे लेकर जाते समय अपने विचार और कल्पना से काम लिया जाए । आज में आप को कहानी लिखने के नियम क्या है इन नियमो को पढ़े और अपने जीवन में उतारे।

कहानी लिखने के लिए अपने आसपास के माहौल पर ध्यान दें

एक अच्छी कहानी लिखने के लिए आपको कोई अनुभव की जरूरत नहीं है । आपको हमेशा अपनी आँखों और कानों को खुला रखना होगा और दुनिया की बातों को सुनें जिनसे आप प्रेरित होते हो ! कुछ ही वक़्त के बाद में आप खुद ही एक अच्छी कहानी लिखने के लिए एक अच्छे टॉपिक को पा लेंगे! अब चूंकि आपकी ये कहानी बाहर निकलकर काफी सारे लोगों के बीच पहुँचने वाली है, इसलिए अपनी कहानी को सिर्फ अपने खुद के विचारों बस पर आधारित मत होने दें, इसके लिए आपको दूसरे लोगों और उनके आसपास के माहौल के बारे में मौजूद विचारों के बारे में पूछना चाहिए। और आपको जरूर कुछ अपने आसपास के माहौल के साथ किताबें और ब्लॉग पढ़नी चाहिए जो कहानी संबंधित है। उससे कई तरह के विचार आपके दिमाग में चलेंगे और उससे आप नई नई कहानी लिख सकते हैं।

  • एक बुक पढ़ें। अनुभव से ही मदद मिलती है। पढ़ना दिमाग के लिए भी अच्छा होता है, ये आपको इस बारे में जानकारी देगा, कि आखिर एक पब्लिश हुई बुक कैसी नजर आती है। लेकिन जहां तक हो सके, अपनी लोकल लाइब्रेरी जाकर तलाशने की कोशिश करें और वहाँ से ही एक ऐसी बुक तलाश करें, जो आपकी रुचि या कहानी के हिसाब से एकदम सही हो।  और जो कहानी आप लिख रहे हो उस के मिलती जुलती कहानी आप को वही मिल जाए जिससे आप अपनी कहानी को और अच्छे से लिख सकते हो ।
  • कुछ रोचक किरदारों की आदतों पर ध्यान दें। हो सकता है, आपने कभी भी आपके पड़ोसी को उसके पेड़ पौधों के साथ में बात करते हुए सुना हो या फिर उसे उसकी कुत्ते बिल्ली को हर सुबह वॉक पर ले जाते हुए देखा हो।  आपका  किरदार उसी की पर्सनालिटी पर आधारित हो। इस तरह के लोगों की ज़िंदगी के अंदर झाँककर देखने की कोशिश करें और देखें अगर कोई कहानी बन पाए।

Kahani Likhne Ke Niyam Kya Hai

  • लोग जब बात करें, तब उन्हें सुनें। बस आते-जाते सुना हुआ एक दिलचस्प वाक्य या चुटकुले भी आपको एक पूरी कहानी लिखने को प्रेरित कर सकता है। हो सकता है, कि आप किसी को ऐसा कहते हुए सुने, “कोई मुझे नहीं समझता…… ” क्या ये एक कहानी लिखने के लिए काफी है

ऐसा होता, तो क्यों होता है अपने आस पास की गतिविधियों के ऊपर विचार करें

ये भी एक कहानी लिखना शुरू करने की एक बहुत अच्छी शुरुआत है। जब आप दुनिया की गतिविधियों पर ध्यान देते हैं, तब आपको दुनिया में होने वाली घटनाओ और संभावनाओं की तरफ भी अपना ध्यान देना चाहिए। जब आप आपके द्वारा सुनी हुई किसी कहानी की तरफ या आपके द्वारा देखी हुई किसी तस्वीर की ओर ध्यान देते हैं, तब खुद से पूछें, ” इसकी जगह पर वो हुआ होता, तो कैसा होता?” या “अगर…हो जाता, तो वो क्या करता” इस तरह की लाइंस के ऊपर विचार करने से, आप अपने दिमाग में चल रही उस उलझन को सुलझाने की तरफ बढ़ जाएंगे, जो आपको काफी वक़्त से परेशान कर रही है।

कहानी लिखने के नियम क्या है

  • आप जब कहानी लिखना शुरू करते हैं, तब जरूरी नहीं है, कि आपको आपकी कहानी का अंत मालूम ही होना चाहिए। असल में, कहानी लिखना शुरू करते वक़्त ही, कहानी के बारे में सब-कुछ मालूम होगा तो  , आप और  क्रिएटिव संभावनाएं खोज का प्रयास ही नहीं करेंगे । इस लिए आपको कहानी के बारे में सब-कुछ मालूम नहीं होना चाहिए  , आपको और भी क्रिएटिव संभावनाएं खोजने में मदद कर सकता है और ये आपकी कहानी को और भी मजबूती भी देगा।
कहानी लिखने के नियम क्या है
कहानी लिखने के नियम क्या है

अपने अनुभवों और विचारो का इस्तेमाल करें

आपके द्वारा असल में अनुभव की हुई किसी घटना से प्रेरणा लेना और फिर उन्हें एक अलग ही नए रूप पर लेकर जाना, शॉर्ट स्टोरी लिखने का एक अच्छा प्लान हो सकता है, खासकर कि उस वक़्त ये सच में एक अच्छा प्लान बन सकता है,  अगर आप भी आपके साथ में या आपके किसी जान-पहचान वाले के साथ में असल में घटी हुई किसी घटना के बारे में लिख सकते है।

  • बहुत से लोग आप से कहेंगे, कि “आपको सिर्फ वही लिखना चाहिए, जिसके बारे में आपको मालूम है।” या आप किसी खेत खलिहानों और  हरियाली के बारे में सोचते हुवे कहानी लिख सकते हो , तो ऐसे में आपको किसी अनजानी जगह पर किसी के जीवन के बीतने के अनुभव के बारे में लिखने के बजाय, आपके अपने इन्हीं अनुभवों के बारे में लिखना चाहिए।
  • कुछ लेखक ऐसा कहेंगे, कि आपको उन्हीं चीजों के बारे में लिखना चाहिए, जिन्हें आप जानते तो हैं, लेकिन पूरी तरह से नहीं। इसका मतलब, आपको पहले आपके किसी जाने-माने क्षेत्र से शुरुआत करना चाहिए और फिर किसी ऐसी चीज़ के बारे में तलाशना शुरू करें जिसके बारे में हमेशा आपके मन में कोई उत्सुकता हो या जिसके बारे में आपको ज्यादा कुछ मालूम न हो।

आपके द्वारा सुनी हुई किसी कहानी के बारे में सोचे और अपनी नई कहनी को लिखे 

हमेशा आपके फ्रेंड्स या फैमिली मेंबर्स के द्वारा आपको सुनाई हुई कहानियों पर गौर जरूर करें, इनसे आपको एक अच्छी कहानी मिल सकती  है। अगर आपकी माँ या दादी/नानी माँ हमेशा आपको उनके बचपन की कहानियाँ सुनाया करती हैं, तो उन्हें कहानियो पर लिखना शुरू कर दें। फिर ऐसा सोचकर देखें, कि किसी एक अलग ही वक़्त और अलग जगह पर अपना बचपन बिताने में कैसा लगेगा और सारी संभावनाओं को आप अपनी कहानी में लिख सकते हो । अगर आपको उस वक़्त के बारे में ज्यादा कुछ नहीं भी मालूम है, तो भी सिर्फ इतनी सी वजह से अपने कदमों को पीछे न हटा लें, आप उस के बारे में कुछ किताबे पढ़े और अपने आस पास के लोगो से भी आप जान सकते हो । आप चाहें तो हमेशा उसके ऊपर रिसर्च कर कसते हैं।

  • जब आपका कोई फ्रेंड आप से ऐसा कहता है, “तुम मानोगे नहीं, लास्ट वीक मेरे साथ क्या हुआ…” उस पर ध्यान दें। यहीं पर आपको आपकी शॉर्ट स्टोरी की शुरुआत मिल सकती हैं।
  • एक बात का ध्यान रखें: अगर आपकी पहचान एक ऐसे लेखक की तरह बन गई है, जो हमेशा ही लोगों के द्वारा सुनाई हुई कहानियाँ की “चोरी” करता है और उन से ही फिक्शन तैयार कर लेता है,  तो फिर लोग आपके सामने अपनी बातें शेयर करने में कतराने लग जाएंगे। इसलिए आप अपनी कहानी में उस किरदार के बारे में बता सकते हो जिस की कहानी है।

कहानी लिखने के नियम क्या है

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हमेशा कहानी लिखने के लिए एक स्थान सेलेक्ट केरे ।

कहानी लिखने के लिए एक शांत जगह का चुनाव करें महत्वपूर्ण नियम है। जब आप अपनी कहानी लिखने के लिए तैयार होते हैं तो आपको हमेशा एक शांत जगह का चुनाव करना चाहिए जिससे कि आप और बेहतर लिख सके। शांत जगह में हमारा दिमाग केंद्रित हो पाता है जिससे हम और भी रोचक चीजों को कहानी में जोड़ सकते हैं। किसी एक जगह के बारे में लिखना, आपको एक मजेदार किरदार बनाने की दिशा में लेकर जाने मदद कर सकता है।

दुसरो के दबाव में ना आए

अपने संपादक के साथ कार्य संबंध स्थापित करें क्योंकि कहानी के प्रकाशन प्रक्रिया को संपादकों द्वारा आसान बनाया जाता है। एक अच्छा संपादक आपको एक बेहतर लेखक बना सकता है और आपको बड़ी तस्वीर देखने में मदद कर सकता है, एक बुरा संपादक खुद को कलात्मक रूप से व्यक्त करने की आपकी क्षमता में बाधा डाल सकता है।

संभावित संपादकों के संदर्भों को देखें उनके द्वारा संपादित पूर्व के कार्यों की जांच करें और उनसे अपनी अपेक्षाओं के बारे में बात करें। लक्ष्य एक व्यक्तिगत संबंध स्थापित करना है। पता करें कि आप एक सहयोगी में किन गुणों की तलाश कर रहे हैं। संपादक और लेखक के बीच अच्छा संबंध होने पर संपादन प्रक्रिया में काफी सुधार होगा।

लेखन अभ्यास को बढ़ने के लिए हमेशा लिखते रहे ।

लेखन अभ्यास ने काफी सारे लेखकों को उनकी क्रिएटिविटी को डेवलप करने में, अनचाही जगहों से प्रेरणा पाने में और उन्हें उस वक़्त भी लिखने के लिए फोर्स करने में मदद प्रदान की है, जब उनके पास में लिखने लायक कुछ भी होता है तो वो हमेसा अपने नोट्स साथ में रखते हो और किसी भी बात को हमेसा लिखने के लिए तयार रहते है , क्योकि उन पता है की उन के द्वारा बनाये गए नोट्स किसी न किसी कहानी में काम आ सकते है ।

  • इस तरह के ओपनिंग सेंटेन्स से कहानी लिखना शुरू करें: “मैंने आज से पहले ये किसी को भी नहीं बताया है।” अगर आपकी कहानी फर्स्ट पर्सन से नहीं बताई जा रही है, तो इसे इस तरह से शुरू कर सकते हैं, “उसने दरवाजा बंद कर दिया। उसके चेहरे पर आंसुओं की धार सी लग गई। क्या किसी ने उसे धोखा दिया है?”
  • किसी जगह पर लगी हुई एक खलिहान की तस्वीर पर ध्यान दें। फिर, उसे किसी ऐसे इंसान के नजरिए से डिस्क्राइब करें, जिसने अभी एक मर्डर किया है। अब फिर से किसी एक ऐसी लड़की के नजरिए से ऐसा करें, जिसने अभी-अभी अपनी माँ को खो दिया है। देखें, किस तरह अलग-अलग लोगों के विचार के द्वारा दुनिया को देखने का नजरिया बदल रहा है। आप खुद को ही उस किरदार की जगह पर रखकर देखें!
  • बस कुछ 10-15 मिनट्स के लिए लिखें। आपने अपनी गलती को सुधारने के लिए जो भी लिखा है, उसे एक बार फिर से देखें।
  • किसी किरदार को आपको आश्चर्य में डालने दें। एक ऐसे किरदार के बारे में लिखें, जिसे आप अच्छी तरह से जानते हैं और फिर इस इंसान को कुछ ऐसा करने दें, जिसके करने के बारे में आपको बिल्कुल भी संभावना न हो। देखें, ये आपको कहाँ तक लेकर जाता है। ये आपकी कहानी को और भी दिलचस्प बना देता है।

कहानी लिखने के नियम क्या है

अन्य दूसरी कहानियाँ पढ़े ।

अगर आप कहानी में महारथ हासिल करना चाहते हैं, तो आपको ज्यादा से ज्यादा कहानियो को पढ़ने की कोशिश करना चाहिए। आपको क्लासिक्स और कन्टेम्परेरी मास्टर्स दोनों को ही पढ़ना चाहिए और दूसरों के द्वारा लिखी हुई कहानियों को अपनी खुद की शॉर्ट स्टोरी लिखने के लिए प्रेरित करने के लिए यूज करना चाहिए।

कहानी को कला के रूप में लिखें 

आपको कहानी कला के लिए लिखना चाहिए और व्यावसायिक विश्लेषण को बाद के लिए छोड़ देना चाहिए। हालांकि कहानी लेखन शैली एक ऐसा नियम है जिसे साहित्यिक आलोचकों और प्रकाशकों ने बनाया है, यह हमेशा काम करने वाले लेखकों के लिए उपयोगी नहीं होता है। अपनी पुस्तक की शैली के बारे में न जानना या उसके बारे में न सोचना फायदेमंद हो सकता है।

यह आपको रूप और विषय के साथ प्रयोग करने की अधिक स्वतंत्रता देता है। आपका काम पुस्तक को उसकी अपनी दुनिया और नियमों में यथासंभव सम्मोहक बनाना है। अन्य लोग शैली के बारे में अधिक चिंतित होंगे। जबकि आप हॉरर कहानी लिखने की कोशिश कर सकते हैं। शैली विश्लेषण को अपनी लेखन प्रक्रिया को प्रभावित न करने दें। व्यावसायिक अपील की चिंता किए बिना अच्छा कहानी लिखना काफी कठिन है।

कहानी लिखने के नियम अपनी कहानी लिखने की कला को सुधारना

कहानी लिखने के नियम क्या है

लखेन अभ्यास करने के लिए कोई क्लास ले

राइटिंग क्लासेस अच्छी बुक्स और स्टोरीज को लिखने की कला के सीखने का एक बहुत अच्छा तरीका होती हैं। किसी एक ऐसी क्लास की तलाश करें, जो जनरल या आपके रुचि के क्षेत्र में कहानी लिखने पर फोकस करती हैं। कहानी लिखने के कई प्रकार होते हैं, जिनमें बच्चों की बुक से लेकर मैगजीन में आर्टिकल लिखने तक शामिल हैं।

कहानी लिखने के लिए आप अपने आस पास की लोगों के , जानवरों के और चीजों के बारे में लिख सकते हो 

एक अच्छा रायटर इन सारी ही चीजों को सबसे ज्यादा क्रिएटिव अंदाज में डिस्क्राइब करना जानता है। अपने आसपास मौजूद चीजों को डिस्क्राइब करने की प्रैक्टिस करें।

  • उदाहरण के लिए, मान लीजिए, आपके पास में कुत्ता  हैं। वो क्या क्या करता है ? वो आपको किस की याद दिलाते हैं? वो आपके घर में कहाँ पर रहता  हैं? उस के बारे में अपनी कहानी में लिख सकते है ।
  • हालांकि, आपको बहुत ज्यादा भी स्पष्ट नहीं करना है, क्योंकि बहुत ज्यादा स्पष्ट करने की वजह से आपकी कहानी धीमी पड़ जाएगी। बस आपको अपने रीडर के मन में एक वास्तविक तस्वीर बनाने की कोशिश करना है।

ज्यादा पढ़ने के लिए कहानी को आकर्षक अंदाज में लिखे 

अगर आप अपनी कहानी को आकर्षक अंदाज में लिखे क्युकी किसी को भी एक बोरिंग या जो जिज्ञासा ही न जगा सके, ऐसी कहानी पढ़ने में कोई मजा नहीं आएगा। कुछ यूनिक वर्ड्स यूज करें। अपनी डिक्शनरी में झाँकें और ऐसे शब्दों को पाएँ, जो आपकी नजरों को खींचते हो। मजेदार बनें और आपके रीडर्स के मन में आपके काम को और भी पढ़ने की चाह जगाएँ। यहाँ पर आपका लक्ष्य अपने रीडर्स की नजरों को खींचना और उन्हें और ज्यादा पढ़ने के लिए प्रेरित करना है।

व्याकरण का ध्यान दे

पुष्टि करें, कि आप जो भी कुछ लिख रहे हैं, आपके रीडर्स उसे समझ पा रहे हैं। “like dis” जैसा कुछ लिखना, आपके रीडर्स को कन्फ़्यूज कर सकता है और जब आप एक पूरी किताब लिखना चाह रहे हों, तब आपको कुछ ऐसी ही पुरानी, लिखने में होने वाली गलतियों को अवॉइड करने के लिए और भी एडवांस्ड वर्ड्स का यूज करना होगा। हालांकि, अगर आपका किरदार ही “like dis” इस तरह से बातें करता है, तो फिर इसे पूरी बुक में कोटेशन मार्क (“”) के अंदर ही रखें और अपने किरदार की असली बोली और मन की आवाज की तरफ भी पूरी सच्चाई दिखाएँ। अपने कोटेशन मार्क (“”) को हर कहानी में काम ले जिस से पढ़ने और समझने में आसानी होगी ।

अपने दिल से सोचकर लिखें

अगर लिखना ही आपका जुनून है, तो अपने इस जुनून को एक ऐसे सच्चे कहानीकार की तरह शेयर करें, जो पूरी तरह से कहानी में डूब गया है। आपको जो भी कुछ पसंद है और आप जिसे अपनी कहानी के लिए सही समझते हैं, उसे ही लिखें। अपने दिल से लिखना सीखें।

  • अपनी लिखी गई कहानी के बारे में सुनें और समझें, कि कब आपको आपकी राइटिंग स्किल्स में सुधार करने की जरूरत है। इसके साथ, ये भी जानना सीखें, कि कब ये सिर्फ जैलसी है। प्रैक्टिस के जरिए आप इसे करना सीख जाएंगे।

अपनी कहानी तैयार करना कहानी लिखने का सबसे बड़ा नियम है

कहानी लिखने के नियम क्या है

अपने नजरिए से दूर तक देखे और अपनी कहानी लिखे 

ज़्यादातर कहानियाँ एक दो या तीन  लोगो के नजरिए से लिखी जाती हैं। अगर आप सिर्फ अभी शुरुआत ही कर रहे हैं, तो आपको यहाँ पर सिर्फ अपने एक नजरिए पर ही टिके रहना चाहिए। यहाँ पर तीन तरह के नजरिए और उन्हें यूज करने का तरीका दिया हुआ है:

  • अगर आप अपनी कहानी में एक ही व्यक्ति को एक ऐसे किरदार के नजरिए से व्यक्त किया जाता है, जो खुद का जिक्र करने के लिए “मैं (I)” का यूज करता है।  ये फर्स्ट-पर्सन राइटिंग का एक उदाहरण है। अगर आप किसी एक किरदार के विचारों और नजरियों पर ही सारा ध्यान लगाना चाहते हैं, तो आपके लिए फर्स्ट पर्सन यूज करना सबसे अच्छा होगा, लेकिन अगर उस किरदार के नजरिया बहुत सीमित होगा, तो ये आपके लिए भी बहुत सीमित हो सकता है। अगर आप अभी शुरुआत ही कर रहे हैं, तो आपके लिए अभी फर्स्ट पर्सन का नजरिया बहुत आसान हो सकता है।
  • अगर आप एक से ज्यादा लोगो की कहानी लिख रहे हो तो  उस वक़्त यूज होता है, जब आप “वह” या “वो” लिखकर, बाहरी नजरिए से किसी एक किरदार के बारे में लिखते हैं, जैसे कि, कहना, “वो थक गया था।”
  • आप कहानी में   “तुम/आप” कहकर संबोधित करता है। जैसे कि, “आप ऑफिस तक जा रहे हैं।” ये रीडर को थामे रखने की अच्छी टेक्निक होती है, लेकिन ये कभी-कभी जरूरत से ज्यादा भी यूज हो सकता है।थर्ड-पर्सन में, लेखक या तो किरदार के विचारों के एकदम करीब पहुँच जाएगा या फिर किरदार से एकदम दूरी बना सकता है।

हर कहानी में कुछ सस्पेंस रखे

अगर आप अपनी कहानी में कुछ सस्पेंस रखेंगे तो आप की कहानी को आप के रीडर आप की कहानी को पूरी पढ़ेंगे , जो रीडर को थामे रख सके, और उन्हें अब आगे क्या होगा के साथ बांधे रखेगा। इसका मतलब ये नहीं, कि आपकी कहानी में एक हाइ-स्पीड केस या फिर मर्डर ही शामिल होना चाहिए; आपके रीडर्स, सिर्फ दो लोगों के बीच, कॉफी पर होने वाली बातों में भी आगे क्या होने वाला को जानने के इच्छुक हो सकते हैं। हालांकि, हर एक कहानी अलग होती है, यहाँ पर शॉर्ट स्टोरी के कुछ बेसिक एलीमेंट्स दिए हुए हैं:

  • राइजिंग एक्शन/एक्सपोजीशन: ये आमतौर पर शॉर्ट स्टोरी की शुरुआत में आता है, जब रीडर को मुख्य किरदारों, सेटिंग और केंद्रीय संघर्ष से अवगत किया जाता है। हालांकि, कुछ कहानियाँ एक्शन के ठीक बीच में भी शुरू हुआ करती हैं और रीडर्स के मन में, असल में पहले क्या हुआ था, जानने के लिए जिज्ञासा जगाता है।
  • संघर्ष: कहानी की असली बाजी। हर कहानी के अंदर कोई न कोई एक दांव होना ही चाहिए नहीं तो रीडर इसे पढ़ ही नहीं पाएगा, फिर चाहे आपकी कहानी की भाषा कितनी ही अच्छी क्यों न हो। हर एक कहानी में एक संघर्ष की या फिर तनाव के पल की जरूरत होती ही है; ये दो पुरुषों के, किसी एक ही महिला को पाने की लड़ाई करने या किसी लड़की के मन में, अपने फ्रेंड के द्वारा उसे पार्टी पर बुलाए जाने या न बुलाए जाने की कश्मकश के जितना ड्रामैटिक भी हो सकता है। संघर्ष किस प्रकार का है, ये कोई मायने नहीं रखता — अगर कुछ मायने रखता है, तो वो ये कि रीडर्स के मन में आगे क्या होने वाला है, की जिज्ञासा।

कहानी के लिए एक अच्छी शीर्षक लिखिए

कहानी लिखने के नियमों में कहानी के शीर्षक लिखने का नियम काफी महत्वपूर्ण है। आपके कहानी का शीर्षक हमेशा आपके कहानी के निष्कर्ष पर आधारित होनी चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति कहानी से जुड़ पाए। एक अच्छा शीर्षक ना केवल आपके कहानी को बेहतरीन बनाता है बल्कि लोगों के सामने कहानी को प्रत्यक्ष रूप से रखने में भी शीर्षक काफी मददगार होती है। इसके लिए आप अपने दोस्तों से भी सलाह ले सकते हैं।

अपने कहानी के किरदारों को तैयार करें

कहानी लिखने की शुरुआत आप कहानी के पात्रों से कर सकते हैं यह एक अच्छा नियम है। एक सम्मोहन कथानक और मजबूत चरित्र विकास अच्छे कहानी की कुंजी है। आपको एक जटिल मुख्य चरित्र की आवश्यकता होगी जो कहानी के एक चरित्र चाप को बनाए रख सके, साथ ही साथ सहायक पात्र जो मुख्य कहानी से सब प्लॉट चला सके।

अपनी कहानी के डाइलॉग तैयार करें 

डाइलॉग, किरदारों के द्वारा बोले जाने वाले शब्दों को ऐसे लिखे की वो आप के रीडर पर एक छाप छोड़ते हैं, जिन्हें अक्सर कोटेशन मार्क्स (“”) के अंदर लिखा जाता है। डाइलॉग किसी भी किरदार के द्वारा बोली जाने वाली और न बोली जाने वाली बातों के जरिए काफी कुछ उजागर कर सकता है। आपको कुछ ऐसे डाइलॉग की तलाश करना चाहिए, जो बनावटी लगने के बजाय, असल में लोगों के द्वारा बोले जाते हों। इन्हें असली दुनिया के लोगों के द्वारा बोला जाता है या नहीं, ये जानने के लिए अपने सारे डाइलॉग को ज़ोर-ज़ोर से पढ़ें।

  • दो किरदारों के बीच में मौजूद डाइलॉग भी उनके बारे में काफी कुछ उजागर कर सकते हैं।
  • जो नहीं बोला जा रहा है, उसके ऊपर भी ध्यान दें। उदाहरण के लिए, अगर कोई एक छोटा बच्चा इस बात से दुखी है, कि उसके पिता  ने उसका स्कूल प्रोगाम मिस कर दिया, लेकिन फिर भी जब वो दोनों अगली बार मिलते हैं, तो वो स्कूल के बारे में कोई बात किए बिना, वो उन से पूछता है, कि “आपका काम कैसा हुआ?” ये भी उसके बारे में काफी कुछ उजागर कर सकता है।

अपनी कहानी को रिवाइज करना

आपकी कहानी को एक ब्रेक दें — फिर चाहे ये एक दिन का ही बस क्यों न हो। फिर, इसे एकदम एक नए नजरिए से पढ़ें और इसे एक लेखक के बजाय, एक रीडर की ओर से देखने की कोशिश करें। एक रीडर की तरह, किस वाक्य को आप गैर-जरूरी या कन्फ़्यूज करने वाला मानते हैं? ऐसे कौन से तथ्य हैं, जिनके बारे में आपको और भी ज्यादा जानकारी इकट्ठी करने की जरूरत है?

अगर आप अपनी कहानी को दुनिया के सामने निकालने के लिए तैयार हो चुके हैं, तो आप इसे अपने क्लोज फ्रेंड, किसी एक रायटर, इंग्लिश/हिन्दी टीचर या फिर आपके कुछ साथी राइटर्स के साथ में भी शेयर कर सकते हैं। बस इस बात की पुष्टि कर लें, कि आप आपकी कहानी के पूरे तैयार होने से पहले ही उस पर लोगों की राय न मांगें, नहीं तो आप लोगों की आलोचनाओं से परेशान हो जाएंगे। अपने ही जैसी सोच रखने वाले लोग, जो गंभीरता से अच्छी राइटिंग की तरफ प्रतिबद्ध हों, उनके साथ में एक राइटिंग वर्कशॉप जॉइन करने से आपको अपने काम की तरफ एक नया नजरिया पाने में मदद मिलेगी।

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1 thought on “कहानी लिखने के नियम क्या है । Kahani Likhne Ke Niyam Kya Hai”

  1. इसमे बहुत सारे अच्छी इन्फॉर्मेशन दे गई जो युजफुल रहेगी ब्लॉग बहुत पसंद आ गया.Thank you so much

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