22 June 2019 Current Affairs

अंतर्राष्ट्रीय

विश्व संगीत दिवस: 21 जून

प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व संगीत दिवस मनाया जाता है। इसको मनाने का उद्देश्य अलगअलग तरीके से म्यूज़िक का प्रोपेगेंडा तैयार करने के अलावा एक्सपर्ट नए कलाकारों को एक मंच पर लाना है। विश्व में सदा ही शांति बरकरार रखने के लिए ही फ्रांस में पहली बार 21 जून 1982 में प्रथम विश्व संगीत दिवस मनाया गया था।

 

 

फ्रांस में इसे ‘Fête de la Musique’ कहा जाता है जिसका अर्थसंगीत का पर्वहै इसे शौकिया और पेशेवर दोनों तरह के संगीतकारों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। इससे पहले अमेरिका के एक संगीतकार योएल कोहेन ने साल 1976 में इस दिवस को मनाने की बात की थी।

विश्‍व हाइड्रोग्राफी दिवस:21 जून

हाइड्रोग्राफर्स के कार्य और हाइड्रोग्राफी की आवश्यकता का प्रचार करने के लिए प्रतिवर्ष 21 जून को विश् हाइड्रोग्राफी दिवस (WHD) मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय – ‘Hydrographic information driving marine knowledge’ है।अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण ब्यूरो 1921 में स्थापित किया गया था. वर्ष 2005 में अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन द्वारा 21 जून को विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. वर्ष 2006 से, यह दिवस 21 जून को वार्षिक रूप से मनाया जाता है।

भारत ने AU शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए नाइजर को 15 मिलियन डॉलर की सहायता प्रदान की

भारत ने अगले महीने की शुरुआत में नियामी में होने वाले अफ्रीकी संघ (AU) शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए नाइजर को 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की है।यह शिखर सम्मेलन 7-8 जुलाई तक नियामी में होने वाला है। यह पहली बार है जब नाइजर एक AU शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।भारत अनुदान सहायता के अंतर्गत नियामी में महात्मा गांधी इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (MGICC) की स्थापना भी कर रहा है।

 

 

अफ्रीकी संघ

 


अफ्रीकी संघ 54 अफ्रीकी देशों का एक संघ है।
यह संघ 2001 में स्थापित किया गया था। अफ्रीकी संघ (एयू) एक महाद्वीपीय संघ है, जिसमें अफ्रीका महाद्वीप के 55 देश शामिल हैं, जिसमें अफ्रीका में स्थित यूरोपीय संपत्ति के विभिन्न क्षेत्र हैं।
इस खण्ड की स्थापना 26 मई 2001 को अदीस अबाबा, इथियोपिया में हुई थी और 9 जुलाई 2002 को दक्षिण अफ्रीका में लॉन्च किया गया था।
अफ्रीकी संघ के सबसे महत्वपूर्ण फैसले अफ्रीकी संघ की विधानसभा द्वारा किए जाते हैं, जो इसके सदस्य राज्यों के राज्य और सरकार के प्रमुखों की एक अर्द्ध वार्षिक बैठक है। एयू का सचिवालय, अफ्रीकी संघ आयोग, अदीस अबाबा में स्थित है

बांग्लादेश में पहली लौह अयस्क खदान की खोज की गई

बांग्लादेश में पहली बार दीनाजपुर के इसाबपुर गांव में लौह अयस्क की खदान खोजी गई है।यह घोषणा बांग्लादेश भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा क्षेत्र में दो महीनों तक व्यापक स्तर पर खुदाई करने के बाद की गई थी।भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, 6-10 वर्ग किलोमीटर के विस्तृत क्षेत्र में सतह के 1,750 फीट नीचे लोहे की 400 फुट मोटी परत पाई गई है।खदान में लोहे का प्रतिशत 65 था जो अयस्क की उच्च गुणवत्ता को दर्शाता है।कनाडा, चीन, ब्राजील स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया जैसे अधिकांश देशों में यह प्रतिशत 50 से नीचे है।

बांग्लादेश

§  बांग्लादेश गणतन्त्र  दक्षिण जंबूद्वीप का एक राष्ट्र है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलती है;दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है।

§  इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया।

§  पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के मध्य लगभग 1600 किमी (1000 मील) की भौगोलिक दूरी थी। पाकिस्तान के दोनों भागों की जनता का धर्म (इस्लाम) एक था, पर उनके बीच जाति और भाषागत काफ़ी दूरियाँ थीं। पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश का उदभव हुआ। बांग्लादेश दक्षिण एशियाई आंचलिक सहयोग संस्था, सार्क और बिम्सटेक का प्रतिष्ठित सदस्य है। यह ओआइसी और डी-8 का भी सदस्य है।

राष्ट्रीय

कोल्हापुरी चप्पलों को मिला GI टैग

विश्व व्यापार संगठन (WTO) की ओर से देश और दुनिया भर मे मशहूर कोल्हापुरी चप्पल को जीआई टैग दिया गया है. इस टैग की मांग पिछले कई वर्षों से लगातर की जा रही थी. इस टैग के मिलने के बाद ये चप्पल बस उन्हीं इलाको में बनाई जा सकेगी जिन इलाकों को इन्हें बनाने के लिए अधिकृत किया गया है. इस चप्पल को बनाने के लिए महाराष्ट्र के चार कोल्हापुर, शोलापुर, सांगली और सतारा के साथ ही कर्नाटक के चार जिलों को शामिल किया गया हैं.

विशिष्ट भौगोलिक संकेत (Geographical Indication)

भारतीय संसद ने 1999 में रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट के तहतजियोग्राफिकल इंडिकेशंस ऑफ गुड्सलागू किया था, इस आधार पर भारत के किसी भी क्षेत्र में पाए जाने वाली विशिष्ट वस्तु का कानूनी अधिकार उस राज्य को दे दिया जाता है.

GI टैग अथवा पहचान उस वस्तु अथवा उत्पाद को दिया जाता है जो कि विशिष्ट क्षेत्र का प्रतिनिधत्व करती है, अथवा किसी विशिष्ट स्थान पर ही पायी जाती है अथवा वह उसका मूल स्थान हो.

GI टैग कृषि उत्पादों, प्राकृतिक वस्तुओं तथा निर्मित वस्तुओं उनकी विशिष्ट गुणवत्ता के लिए दिया जाता है.

यह GI पंजीकरण 10 वर्ष के लिए वैध होता है, बाद में इसे रीन्यू करवाना पड़ता है.

कुछ महत्वपूर्ण GI टैग प्राप्त उत्पाद कंधामल हल्दी,सिरसी सुपारी, दार्जीलिंग चाय, तिरुपति लड्डू, कांगड़ा पेंटिंग, नागपुर संतरा तथा कश्मीर पश्मीना  इत्यादि हैं.

 

 

महाराष्ट्र सरकार ने धुंए से रहित रसोई के लिए प्रोजेक्टचूल्हालांच किया

महाराष्ट्र सरकार ने महिलाओं को धुंए से मुक्त रसोई का माहौल प्रदान करने के लिएचूल्हानामक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलेगा जिन्हें उज्ज्वला योजना के तहत कवर नहीं किया गया है। इस योजना का क्रियान्वयन नक्सल प्रभावित इलाकों तथा उन जिलों में लागू किया जायेगा जहाँ पर किसानों की आत्महत्या दर अधिक है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

§  केंद्र सरकार ने मई, 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना लॉन्च की थी, इसकी टैगलाइनस्वच्छ इंधन, बेहतर जीवनहै। इसका उद्देश्य घरेलु उपयोग के लिए स्वच्छ इंधन प्रदान करना है।

§  इस योजना को पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने OIC, BPCL और HPCL तेल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा क्रियान्वित किया।

§  यह योजना सभी राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की गयी थी।

§  इस योजना के प्रमुख लाभार्थी अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्तोदय अन्न योजना, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, द्वीप/नदी द्वीप निवासी, चाय बागान में कार्यरत्त लोग हैं।

 

 

हिमाचल प्रदेश ने ट्रेकर्स के लिए जीपीएस डिवाइस अनिवार्य किया

हिमाचल प्रदेश सरकार ने लंबी पैदल यात्रा करने वालों (trekkers) के लिए किसी भी प्रकार की समस्या से निपटने हेतु GPS डिवाइस साथ ले जाना अनिवार्य कर दिया।अतिरिक् मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि लंबी पैदल यात्रा करने वालों के लिए GPS डिवाइस रखना अनिवार्य किया जाएगा ताकि किसी भी आपात स्थिति में उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जा सके।आपदाग्रस्त राज्य होने के चलते, हिमाचल प्रदेश में मौसम संबंधी सलाह को प्रसारित करने और प्रारंभिक चेतावनी तंत्र स्थापित करने पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।

मुख्य बिंदु

हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा की सम्भावना काफी अधिक होती है, इसलिए राज्य में मौसम सम्बन्धी सूचना का प्रसारण तथा अर्ली वार्निंग सिस्टम की स्थापना किया जाना आवश्यक है। ख़राब मौसम में ट्रैकिंग तथा यात्रा इत्यादि पर भी पाबंदी लगाई जाने ज़रूरी है।शीघ्र ही हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले तथा डलहौज़ी कसबे में अर्ली वार्निंग सिस्टम की स्थापना की जायेगी। मंडी तथा रामपुर कस्बे में राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (NDRF) के बचाव राहत बेस की स्थापना की जायेगी।

हिमाचल प्रदेश

  • हिमाचल प्रदेश के उत्तर में जम्मूकश्मीर, पूर्व में तिब्बत, दक्षिणपूर्व में उत्तराखंड, दक्षिण में हरियाणा तथा पश्चिम में पंजाब स्थित है।
  • हिमाचल प्रदेश को 25 जनवरी, 1971 को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा मिला था, यह भारत का 18वां राज्य था।
  • हिमाचल प्रदेश की दो राजधानियां हैं : शिमला और धर्मशाला (शीतकालीन राजधानी)
  • BIS भूकंप जोन मानचित्र के अनुसार हिमाचल प्रदेश जोन IV (उच्च नुकसान खतरा) तथा जोन V (भूकंप का सबसे सक्रीय क्षेत्र) में आता है।

 

 

IIT बॉम्बे देश का सर्वश्रेष् विश्वविद्यालय: QS रैंकिंग

IIT- बॉम्बे को लगातार दूसरे साल भारत का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है, 2020 के लिए QS विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग में 152 की वैश्विक रैंकिंग हासिल की है। दो अन्य भारतीय विश्वविद्यालय – IIT दिल्ली (182) और भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु (184) – ने भी शीर्ष 200 में सेंध लगाई है।शीर्ष 1,000 में कुल 23 भारतीय संस्थान हैं। जबकि अधिकांश सरकार द्वारा वित्त पोषित विश्वविद्यालय हैं, पाँच निजी रूप से वित्त पोषित हैं।मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, जो 701-750 रैंकिंग बैंड के भीतर है, देश का शीर्ष निजी विश्वविद्यालय है। पी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, 2009 में स्थापित, इस वर्ष की सूची में एकमात्र नया प्रवेश है, 751-800 बैंड में रैंकिंग।

क्यू. एस. वर्ल्ड यूनिवर्सिटी

§  क्यू. एस. वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग  क्वाकरेल्ली सायमोंड्स द्वारा प्रकाशित एक वार्षिक प्रकाशन है जो विश्वविद्यालयों की रैंकिंग प्रदान करता है।

 

§  पूर्व में इसे टाइम्स हायर एजुकेशनक्यू. एस. वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के नाम से जाना जाता था।

विज्ञानं एवं प्रद्योगिकी

श्रीलंका का पहला उपग्रहरावण-1′ लॉन्च हुआ

दो श्रीलंकाई इंजीनियरों द्वारा निर्मित किये गये प्रथम उपग्रहरावण-1को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया है।  इसे अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन से दो अन्य BIRDS 3 उपग्रहों के साथ लांच किया गया।

रावण-1

§  इस उपग्रह को 18 फरवरी को जाक्सा (जापानी अन्तरिक्ष एजेंसी) को सौंपा गया था, 17 अप्रैल को इसे अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए अमेरिका से सिग्नस-1 स्पेसक्राफ्ट द्वारा लांच किया गया था।

§  इस उपग्रह को 400 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित किया गया है। इस उपग्रह को दो श्रीलंकाई इंजीनियरों थारिंदु दयारत्ने तथा दुलानी चमिका द्वारा विकसित किया गया है, यह दोनों इंजीनियर जापान के क्यूशू इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में अध्ययन कर रहे हैं।

§  यह एक क्यूब सैटेलाइट है, इसका भार लगभग 1.05  किलोग्राम है। यह उपग्रह श्रीलंका तथा इसके आसपास के क्षेत्रों के चित्र लेगा। इस उपग्रह का न्यूनतम कार्यकाल 1.5 वर्ष है, परन्तु इस उपग्रह के पांच वर्ष तक कार्य करने की उम्मीद जताई जा रही है।

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